रक्त का तरल पदार्थ हिस्सा जो होता है उसासे प्लाज्मा कहा जाता है। लाल रक्त कोशिकाओं [एरिथ्रोसाइट्स] का कारण लाल रंग हीमोग्लोबिन है इनामे मौजूद होता है जो ऑक्सीजन बांधता है और सभी कोशिकाओं को यह पाहुचता है। वे लाल अस्थि मज्जा में गठन किये गाये है और 120 दिनों का एक जीवन होता है उंक । वे तिल्ली में नष्ट हो जाते हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं [ल्यूकोसाइट] रोगाणु कि शरीर में प्रवेश के खिलाफ लड़ाई करते है । सफेद रक्त कोशिकाओं [neutrophiles] विदेशी निकायों को नष्ट करते है ; basophiles [भड़काऊ प्रतिक्रिया], eosinophiles [एलर्जी की प्रतिक्रिया], लिम्फोसाइट [प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया] और monocytes [विदेशी निकायों को नष्ट]। प्लेटलेट्स [thrombocytes] खून में थक्के के लिए जिम्मेदार हैं
रक्त वाहिकाओं धमनियों शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन युक्त रक्त
ले जाणे का कार्य करते रहे हैं। उनकी दीवारों, मोटी लोचदार हैं
उन्मे रक्त के प्रवाह में तेजी से और उच्च दबाव है। नस दिल के
लिए कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त ले आते है शरीर के विभिन्न ङ्गोन से
। उनकी पतली दीवारे है और वाल्व है कि केवल एक ही दिशा में
रक्त के प्रवाह की अनुमति देते है।
हमारी मांसपेशियों अवायवीय श्वसन के दौरान लैक्टिक एसिड जारी करते है ।
यह लैक्टिक एसिड में ऐंठन का कारण बनता है।
जब हम नींद से भारे होते हैं, हम श्वास और शरीर को धीमा करते है जिससे
शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिलता है तो हम अतिरिक्त हवा लेने के लिए
जंभाई भरते है ।
हार्ट के चार कक्ष होते है , दो अटरिया और दो निलय है। दायी
अटरिया और वेंट्रिकल ऑक्सीजन रहित रक्त की है। बायी अटरिया और
वेंट्रिकल ऑक्सीजन युक्त रक्त कि है। अलग-अलग अंगों को रक्त पंप करने
के लिए है निलय कि डिवरे मोटी होती है।
जीव जिन्हें ऊर्जा की जरूरत है कि शरीर के तापमान को नियमित करने के लिए उन्हे हृदय में अलग से ऑक्सीजन और de-ऑक्सीजन युक्त रक्त को राखणे की जरूरत है। जो जांवर शरीर का तापमान वातावरण के तापमान के आधार पर नियमित करते है उन्हे ऑक्सीजन और de-ऑक्सीजन युक्त रक्त का मिश्रण बर्दाश्त कर सकते हैं।
हाइड्रा और स्पंज के संचार प्रणाली को रक्त की जरूरत नहीं है। जो जल उनके शरीर में बेहत है उके माध्यम से भोजन और ऑक्सीजन विभिन्न भागों ताक पाहुचता है और माध्यम से हि अपशिष्ट पदार्थ और कार्बन डीऑक्सिडें को बाहर फेंक दिया जाता है।
पक्षी, कीड़े यूरिक एसिड [कम से कम विषाक्त इसलिए उत्सर्जन के लिए पानी
की जरूरत नहीं है] उगल ते है । मछलियों उगलती है अमोनिया [बेहद
जहरीला तो पानी की बहुत जरूरत है।] उत्सर्जन का जरिया पानी की उपलब्धता
पर निर्भर करता है।