शरीर के लिए आवश्यक भोजन में घटक तत्त्वोन्को को पोषक तत्व कहा जाता है। जो जीव स्वयं के लिये भोजन का निर्माण करते है उन्हे स्वपोषक कहा जाता है और जो जानवरों या पौधों से बने भोजन को खाते है उन्हे विषमपोषण कहा जाता है।
शाकाहारी: पशु जो केवल पौधों को खाते हैं।
मांसाहारी: पशु जो अन्य जानवरों को खाते है ।
सर्वाहारी: पशु जो पौधे और जानवर दोनो खाते है ।
कार्बोहाईड्रेट
वसा
प्रोटीन
विटामिन
खनिज पदार्थ
आहार फाइबर और पानी
कार्बोहाइड्रेट और वसा ऊर्जा शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। कार्बोहाइड्रेट , वसा की तुलना में कम ऊर्जा देता है । पशु वसा [सातुरतेड ] फैटी एसिड होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं । हमे खाना पकाने के लिए असंतृप्त वसीय अम्लों का चयन करना चाहिए। ट्रांस वसा [ट्रान्सफॅट्स] असंतृप्त वसा है जो दिल को नुकसान पहुंचा सकता हैं।
प्रोटीन शरीर निर्माण खाद्य पदार्थ हैं। प्रोटीन polypeptides अर्थात पेप्टाइड बांडों से जुड़े अमीनो एसिड के रैखिक श्रृंखला में होते है । एंजाइ वो प्रोटीन है जो जैविक उत्प्रेरक की भूमिका प्रदर्शन कर रहे हैं।
रिसेप्टर्स प्रोटीन है जो शरीर में संचार प्रणाली से संबंधित समारोह
में प्रदर्शन कर रहे हैं।
कोलेजन जानवरों की दुनिया में सबसे प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है
और Ribulose बाइफोस्फेट Carboxylase-oxygenase (RuBisCO) जीवमंडल के
पूरे में सबसे प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। प्रोटीन की कमी से
क्वाशिओर्कार और माइर्समुस [ kwashiorkor और Maerasmus ] जैसे रोग होते
है ।
विटामिन ए, ई, सी एंटीऑक्सिडेंट है जो मुक्त कण को अवशोषित करते हैं। विटामिन और खनिज की कमी से जो रोग होते है उंक उल्लेख निम्नलिखित तालिका में किया गया है।
तालिका: खाद्य पदार्थो में पौष्टिक तत्त्वोन के कमी से रोग
Vitamins or minerals | Disease |
Vitamin A | Night blindness / Xeropthalmia |
Vitamin B1 | Beri beri |
Vitamin C | Scurvy |
Vitamin D | Rickets |
Vitamin E | Anemia / Loss of fertility |
Vitamin K | Bleeding |
Calcium | Bone and tooth decay |
Iron | Anemia |
Iodine | Goiter |
नोट: पारे की विषाक्तता मीना माता रोग का कारण बनता है और कैडमियम विषाक्तता Itai-Itai रोग का कारण बनता है।
आहार फाइबर अनाज, दालों, आलू, ताजे फल, सब्जियों में मौजूद हैं। इसम पोषक तत्वों नहीं है, लेकिन पचाये भोजन से छुटकारा पाने में येह मदद करता है।
पाचन एक प्रक्रिया है जिसमें भोजन के जटिल घटक सरल पदार्थों में टूट जाते है।
लार सक्कर को स्टार्च में तोड देती है। पेट श्लेष्मा, हाइड्रोक्लोरिक
एसिड और पाचक रस स्रावित करता है। श्लेष्मा पेट को ऍसिड से बचत है ,
एसिड बैक्टीरिया को मारता है और पाचक रस सरल पदार्थों में प्रोटीन को
तोड़ने का काम करता है।
लिवर शरीर में सबसे बडी ग्रंथि है। यह पित्ताशय में संग्रहीत
पित्त स्रावित करता है, पित्त वसा के पाचन में महत्वपूर्ण है। यह
कोलेस्ट्रॉल [लिपोप्रोटीन] पैदा करता है।
कम घनत्व कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिये हानिकारक है और उच्च घनत्व
कोलेस्ट्रॉल अच्छा है।
मनुष्य सेल्यूलोज को हजम नहीं कर सकते हैं।
एक मानव शरीर का तापमान 35-42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
तारामछली कैल्शियम कार्बोनेट से डहाके हुए जांवरूनको आपण भोजन बनतई है। ऊस प्राणी के कैल्शियम कार्बोनेट के कवच को खोल कर तारामछली अपने मुंह से बाहर अपना पेट डालता है और ऊस नरम पशु को अंदर खाने के लिए सूख लेट है । पेट तो अंदर वापस चला जाता है और फिर धीरे-धीरे भोजन पच जाता है।
छोटी आंत विल्ली जो भोजन के अवशोषण में मदद कार्टी है। छोटी आंत
7.5m है और बड़ी आंत 1.5m कि होती है। शाकाहारी में, छोटी आंत
सेल्यूलोज को पचाने के लिए है इसीलिये ये ज्यादा बंदी होती है ।
मांसाहारी में, छोटी आंत छोटे मांस आसानी से पाचा लेती है इसीलिये
इस्की लाम्बी काम होती है शाकाहारी प्रनियो कि तुलना में ।
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